श्री रामदेव आरती
॥ प्रारंभ॥
ओउम जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे।
पिता तुम्हारे अजमल मैया मेनादे।। ओउम जय।।
रूप मनोहर जिसका घोड़े असवारी।
कर में सोहे भाला मुक्तामणि धारी।। ओउम जय।।
विष्णु रूप तुम स्वामी कलियुग अवतारी।
सुरनर मुनिजन ध्यावे जावे बलिहारी।। ओउम जय।।
दुख दलजी का तुमने भर में टारा।
सरजीवन भाण को तुमने कर डारा।। ओउम जय।।
नाव सेठ की तारी दानव को मारा।
पल में कीना तुमने सरवर को खारा।। ओउम जय।।