MAIYA KARU AMBE TERI AARTI LYRICS IN HINDI PDF

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MAIYA KARU AMBE TERI AARTI LYRICS IN HINDI PDF
मैंया करूं दुर्गे तोरी आरती हो मां ।
अरे सब पर रहियो सहाय मैया मोरी ।। करूं ….1
 
अरे कंचन थाल सजा के रे, दिया कपूर जलाएं ।
पांच फूल की बतियां रे, मैया तोरे दरबार ।। करूं…2
 
अरे एक हाथ खप्पर लियो रे, दूजे में त्रिशुल ।
तीजे हाथ खाड़ा लिये रे, चौथे में धरे फूल ।। करूं…3
 
चम्पा-चमेली और केवड़ा रे, रघुवंश गुलाब |
मोंगरन कली छिटकन लगी रे, मैया तोरे दरबार ।। करूं… 4
 
दाहिने हाथ हिंगला लियो रे, डेरे में लंगूर ।
मैया तोरी विनती करत हो रे, माफ करियो कसूर ।। करूं… 5
 
चम्पा के फूलत चमेली फूली रे, फूले गेंदा और गुलाब ।
आधी रात के खिल रही रे, मैया तोरे दरबार ।। करूं… 6
 
शुंभ निशुंभ दोई दानव रे, जोधा बलवान ।
तीन भुवन उन जीतो रे, माने न हार ॥ करूं…7
 
खुली जोत जगतारन रे, सब सुनी है पुकार ।
सकल मनोरथ पूर्ण भयो रे, दुख हुए सब दूर ।। करूं…8
 
ओ मोरी आदि भवानी रे, रख लइयो मोरी लाज ।
सब मिलकर जस गावें रे, आये तोरे दरबार ।। करूं…9
 
सुमर-सुमर जस गावें रे, रहे चरण अपार ।
चरण छोड़ कहां जावे रे, आये शरण तुम्हार ।। करूं…10